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Dr. Mayank Mehrotra

Dr Mayank Mehrotra, is eminent and dynamic Gastroenterologist working in Regency Healthcare, a tertiary care hospital in Kanpur. He completed DM Gastroenterology from the prestigious, Sanjay Gandhi Post Graduate Institute, Lucknow. He is specialized in diseases related to Liver, Biliary system, Pancreas, GI cancers and Inflammatory bowel disease. He is well versed in diagnostic and interventional endoscopies including endoscopic ultrasound. He started oesophageal and anorectal manometry for the first time in any private hospital in Uttar Pradesh. His knowledge in luminal GI disorders is commendable.


Dr. Abhimanyu Kapoor & Dr. Mayank Mehrotra

Case Study & Videos


Contact & Timing


Dr Mayank Mehrotra
Regency Hospital Ltd.

A-4, Sarvodaya Nagar Tower 2
Kanpur-208005
Call: 0512-3081111
Mon to Sat 10 A.M. to 04 P.M.
Consultation Fee: ₹ 1000
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Dr Mayank Mehrotra
HEALTH EXPERTS

112/335 -A Swaroop Nagar
Near Madhuraj Hospital, Kanpur 208002
Call: 7985297578
MON-SAT : 6 PM TO 8 PM
Consultation Fee: ₹ 1000
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Dr Mayank Mehrotra
Bajpai Polyclinic

9-C ImamGanj, GT Road, Abu Nagar
Near GIC
Fatehpur, 212601
Call: 06393475808, 9455185434, 8896812581
4th Sunday 12 P.M. to 02 P.M.
Consultation Fee: ₹ 700
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FAQs


Frequently asked questions and answers..........

Hepatitis एक Viral रोग है जिसे सामान्य भाषा में पीलिया या Jaundice भी कहा जाता है। यह Liver का एक खतरनाक रोग है, जिससे भारत में हर वर्ष हजारो लोगो कि मृत्यु हो जाती है। Hepatitis के प्रति लोगो कि अज्ञानता और इसके दुष्प्रभावो के कारण यह रोग हर साल दुनिया भर में लाखो लोगो को अपना शिकार बना रहा है। Hepatitis के प्रमुख 5 प्रकार है।
1. Hepatitis A
2. Hepatitis B
3. Hepatitis C
4. Hepatitis D
5. Hepatitis E
अगर त्वचा का रंग पीला सा है, आंखों में पीलापन है और मूत्र / Urine भी पीले रंग का आए तो यह सभी लक्षण Hepatitis के हो सकते है।
1. बदनदर्द, सरदर्द, कमजोरी या थकान
2. भूक कम लगना
3. जी मचलाना
4. बुखार
5. पेट में दायी तरफ, ऊपर कि ओर हल्का दर्द
6. खुजली
7. जोड़ो में दर्द
8. हलके रंग का मल होना
Hepatitis / पीलिया रक्त में Bilirubin की मात्रा बढ़ जाने के कारण होता है। Hepatitis A और Hepatitis E खाने और पानी के द्वारा शरीर में पहुंचता है, जहां सफाई आदि का प्रबन्ध ठीक न हो। Hepatitis B और C रक्त और रक्त में इस्तेमाल होने वाली वस्तुएं जैसे सुई का पूरी तरह कीटाणुरहित न होना, शारीरिक सम्बन्ध बनाने से और मां से बच्चे को होता है। इसके अलावा Tatoo लगाना, पुराने Razor का इस्तेमाल करना इत्यादि कारणो से भी Hepatitis B और C हो सकता है।
आपके रक्त का परिक्षण कर डॉक्टर यह जान सकता है कि आपको किस प्रकार का Hepatitis हुआ है।
• केवल अपने डॉक्टर द्वारा prescribed दवाओ का ही उपयोग करे। अन्य दवाओ को आपके Liver पर बुरा असर पड़ सकता है।
• आराम करे।
• शराब का सेवन न करे, धूम्रपान न करे
• शुद्ध और स्वच्छ पानी का ही इस्तेमाल करे।
Hepatitis से बचने के लिए निम्नलिखित एहतियात बरते :
• अपने आसपास पूरी तरह से साफ-सफाई बनाए रखें और मक्खियों को न फैलने दें।
• भोजन पकाने और खाने से पहले तथा शौचालय से लौटने पर हाथों को साबुन या डेटोल से अच्छी तरह धोएं।
• बरसात के दिनों में और महामारी के समय पर हमेशा पानी को लगभग 10 से 15 मिनट तक उबालने के बाद ही प्रयोग में लाएं।
• बाजार के कटे फल और सब्जियां न खाएं। घर में भी सब्जी और फलों को अच्छी तरह धोकर ही प्रयोग करें।
• अपने बच्चो को भी डॉक्टर कि सलाह अनुसार Hepatitis का वैक्सीन लगाना चाहिए।
• Hepatitis ग्रसित व्यक्ति से या अपरिचित के साथ असुरक्षित यौन संबंध न करे।
• ध्यान रहे कि Hospital में कभी भी आपके लिए नीरजन्तुक और सिर्फ नयी सुई का ही प्रयोग होना चाहिए।
Pancreas यानी अग्न्याशय, पेट के ऊपरी हिस्से में एक gland (ग्रंथि) होती हे। यह fat यानी अम्ल को पचाने में सहायक होती हे। pancreas में सूजन को Acute pancreatitis कहते हे।

लक्षण
• पेट में दर्द
• उल्टी
• आँत का कम चलना जिसके कारण क़ब्ज़ होना।
• Severe यानी तीव्र स्थिती में साँस का फूलना, गुर्दे का संक्रमण, BP यानी रक्तचाप कम होना, इत्यादि समस्यायें हो सकती हैं।

कारण
• पित्त की पथरी
• शराब का सेवन
• Triglycerides और calcium ki अधिकता
• पैंक्रीयास दिविसम (Pancreas divisum)
• पैंक्रीयास का कैन्सर
• Genetic यानी आनुवंशिक
• Trauma यानी पेट में तीव्र चोट लगना
• वाइरल संक्रमण
• Idiopathic जिसने कारण का पता ना चले

जाँच
• Amylase, Lipase
• पेट का CT स्कैन
• Endoscopic ultrasound के ज़रिए कारण का पता करते हैं?

उपचार
• मरीज़ को भर्ती करके fluids, दर्द निवारक दवाएँ, उल्टी रोकने की दवाएँ, दी जाती हैं।
• यदि पित्त की नली (CBD) में पथरी हो तो ERCP की जाती हे।
• Nasojejunal tube के माध्यम से भोजन देना।
अधिकांशतः यह बीमारी mild होती है। २०% में severe होती है, जिसमें वेंटिलेटर और डायऐलिसस की आवश्यकता हो सकती है। Severe बीमारी में यदि पेट में मवाद (pus) या रसौली (cyst) बन जाने पर ultrasound या endoscopy के माध्यम से इलाज किया जाता है। इस बीमारी में अमूमन सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है।

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